Home देश सिंधु जल संधि पर एक और अटैक, पहले बगलिहार का फाटक किया...

सिंधु जल संधि पर एक और अटैक, पहले बगलिहार का फाटक किया बंद, अब विश्व बैंक से कही ये बात

पहलगाम में आतंकवादी हमले के बाद भारत पाकिस्तान को हर तरफ से तमाचा मारने की रणनीति पर चल रहा है. इसी क्रम में उसने अपनी सेनाओं को खुली छूट रखी है. दूसरी तरफ वह उसकी कूटनीतिक घेराबंदी भी कर रहा है. वह इस बार पाकिस्तान को ऐसा सबक सिखाने की रणनीति पर चल रहा है जिससे कि वह भविष्य में फिर कभी कोई आतंकवादी घटना को अंजाम देने से पहले हजार बार सोचे. इस दिशा में आतंकवादियों के पनाहगारों पर सैन्य कार्रवाई के विकल्प तलाशने के साथ उसने सिंधु जल संधि को तोड़ दिया है. इसके बाद उसने पाकिस्तान को सबसे अधिक पानी देने वाली नदी चेनाब का पानी रोक दिया है. चेनाब पर बगलिहार में बने डैम के फाटक बंद कर पानी को दूसरी दिशा में मोड़ दिया गया है. इससे पाकिस्तान में इस गर्मी अकाल आ सकता है.

इस वाटर अटैक के बाद भारत ने इसी सिंधु जल संधि को लेकर और बड़ा कदम उठाया है. उसने सिंधु जल संधि की नदी पर बन रहे किशनगंगा-रतले जल विद्युत परियोजना से जुड़े विवाद पर वर्ल्ड बैंक में चल रही सुनवाई स्थगित करने को कहा है. इसको लेकर इकोनॉमिक टाइम्स ने रिपोर्ट छापी है. इसमें कहा गया है कि भारत जल्द ही इसको लेकर एक अनुरोध पत्र तटस्थ विशेषज्ञ को भेजेगा. इसकी एक प्रति वर्ल्ड बैंक को भी दी जाएगी. भारत ने कहा है कि उसने खुद को सिंधु जल संधि से अलग कर लिया है. ऐसे में अब विवाद से जुड़ी तटस्थ विशेषज्ञ की विवाद समाधान प्रक्रिया को भी अब रोक दिया जाए. इस पर सुनवाई का कोई अर्थ नहीं रह गया है.

क्या है विवाद
यह विवाद किशनगंगा-रतले जल विद्युध परियोजना को लेकर है. भारत इस परियोजना पर काम कर रहा है. पाकिस्तान ने इसकी शिकायत विश्व बैंक में की है. इसके बाद 2023 में विशेषज्ञ मिशेल लिनो की देखरेख में विवाद को सुलझाने की प्रक्रिया शुरू हुई. इसको लेकर भारत, पाकिस्तान और विशेषज्ञ एक तय कार्य योजना के तहत काम कर रहे है. लेकिन, भारत पहलगाम में आतंकवादी हमले के बाद इस प्रक्रिया को रोकना चाहता है. इस विवाद को सुलझाने के लिए इस साल की बैठकें होने वाली थीं. पाकिस्तान को परियोजना को लेकर जो शिकायत थी उसके बारे में जवाब देना था. इसके बाद इसी साल दिसंबर में विशेषज्ञ परियोजना स्थल का दौरा भी करने वाले थे. यह प्रक्रिया 2026 तक चलने वाली थी लेकिन भारत ने अब इस पूरी प्रक्रिया को स्थगित करने को कहा है. इस परियोजना को लेकर 2023 से सुनवाई चल रही है. दोनों देशों ने अब तक काफी डेटा और दस्तावेज शेयर किए हैं. बीते साल जून में भी परियोजना स्थल का निरीक्षण किया गया था.