भारतीय रुपया डॉलर के मुकाबले मजबूत होकर 86 रुपये से ऊपर पहुंच गया है. यह उसका पिछले दो साल में किसी भी एक सप्ताह का सबसे अच्छा प्रदर्शन है. तेल की कीमतों में स्थिरता, डॉलर इंडेक्स में गिरावट, और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा विदेशी मुद्रा बाजार में किए गए हस्तक्षेप जैसे कारकों ने रुपये को मजबूती दी है. इस सप्ताह रुपये ने 1.2 फीसदी की बढ़त दर्ज की, जो जनवरी 2023 के बाद से सबसे अधिक है.
विशेषज्ञों का कहना है कि RBI द्वारा डॉलर की तरलता (लिक्विडिटटी) बढ़ाने और नियमित हस्तक्षेप के कारण रुपया लगातार मजबूत हो रहा है. इसके अलावा, विदेशी निवेश, तेल की कीमतों में स्थिरता, घरेलू महंगाई में कमी, और व्यापार घाटे (ट्रेड डेफिसिट) में सुधार ने भी रुपये को सबल दिया है. फरवरी में भारत का व्यापार घाटा घटकर 14.05 अरब डॉलर (लगभग 1.17 लाख करोड़ रुपये) रह गया, जो जनवरी में 23 अरब डॉलर (लगभग 1.91 लाख करोड़ रुपये) था. यह सुधार निर्यात और आयात में गिरावट के कारण हुआ है.