जम्मू-कश्मीर के पहलगाम की बैसरन घाटी में 22 अप्रैल 2025 को आतंकवादियों ने 26 लोगों की बर्बर तरीके से हत्या कर दी थी. इनमें से अधिकांश हिन्दू थे. आतंकियों ने टूरिस्ट से उनका धर्म पूछकर उनको गोली मारी. इस घटना से न केवल भारत, बल्कि पूरी दुनिया स्तब्ध रह गई थी. भारत ने स्पष्ट शब्दों में कहा था कि हमले के जिम्मेदार आतंकवादियों और उनके आकाओं को मिट्टी में मिला दिया जाएगा. इंडियन आर्म्ड फोर्सेज ने मई में ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च किया और पाकिस्तान में मौजूद आतंकवादियों के 9 ठिकानों को मिट्टी में मिला दिया. इसके बाद बौखलाए पाकिस्तान ने भारत के सैन्य बेस को निशाना बनाने की असफल कोशिश की थी. जवाबी कार्रवाई में भारत ने पाकिस्तान के 11 एयरबेस को धुआं-धुआं कर दिया. इसके बाद प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ और आर्मी चीफ आसिम मुनीर घुटनों पर आ गए और सीजफायर की गुहार लगाई. भारत ने इसे अपनी शर्तों पर स्वीकर किया. इसके लिए जनरल आसिम मुनीर के एक बयान को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है, जिसके तार अल कायदा के कुख्यात आतंकवादी ओसामा बिन लादेन से जुड़ते हैं.
जनरल आसिम मुनीर और ओसामा बिन लादेन के बयानों के बीच का कनेक्शन और क्रोनोलॉजी खतरनाक संकेत करते हैं. ओसामा बिन लादेन ने अमेरिका में आतंकी हमले को अंजाम देने से पहले सितंबर 1999 में कश्मीर को लेकर बड़ा बयान दिया था. भारत को धमकी देते हुए लादेन ने भारत और अमेरिका को सबसे बड़ा दुश्मन करार दिया था. लादेन ने पाकिस्तान में मौजूद सभी मुजाहिदीन (आतंकवादी) संगठनों से एकजुट होने का आह्वान किया था. साथ ही अभी तक के सबसे कुख्यात आतंकवादी ने कहा था कि वह कश्मीर में सक्रिय मुजाहिदीन की मदद करने के लिए हमेशा तैयार है. इससे पहले भारतीय खुफिया एजेंसियों को ओसामा बिन लादेन और ISI के बीच नेक्सस बिल्डअप होने की जानकारी मिली थी. बताया तो यह भी जाता है कि ओसामा बिन लादेन के संगठन के आतंकवादियों ने कारगिल युद्ध में भी पाकिस्तानी सेना का साथ दिया था. लादेन को साल 2011 में पाकिस्तान में ही मार गिराया गया था.