ऑपरेशन सिंदूर से इंडियन आर्मी ने पाकिस्तान की उस नस को दबा दिया है, जिसकी कल्पना पाकिस्तानी मिलिट्री कभी नहीं करती थी. पंजाब के बहावलपुर में जिस जगह को मिसाइलों से हिट किया गया, वो सिर्फ मौलाना मसूद अजहर का गढ़ नहीं है, पाकिस्तानी सेना का घर भी है. यह वो जगह है जहां से पाकिस्तान के ज्यादातर जनरल आते हैं. वे खुद को दुनिया में सर्वश्रेष्ठ समझते हैं. लेकिन अब उनके घर में इंडियन आर्मी ने वो कर दिखाया है, जो पहले कभी नहीं हुआ. इसीलिए डिफेंस एक्सपर्ट कह रहे कि पाकिस्तानी सेना के लिए इस हमले को बर्दाश्त कर पाना जहर का घूंट पीने के बराबर है. वे पलटवार जरूर करेंगे.
यूएस की पोलिटिकल साइंटिस्ट सी क्रिस्टीन फेयर ने बातचीत में कहा, इंडियन आर्मी ने पाकिस्तानी हिस्से वाले पंजाब के मुरीदके और बहावलपुर को निशाना बनाकर आक्रामकता दिखा दी है. यह इलाका पाकिस्तानी सेना का गढ़ है. इसलिए जवाबी कार्रवाई तो होगी. क्योंकि भारत ने पाकिस्तानी सेना के अहम को चोट पहुंचाई है. वे कभी बर्दाश्त नहीं कर सकते कि इंडियन आर्मी उनके घर में अटैक करे. लेकिन इंडियन आर्मी ने एक झटके में पाकिस्तानी सेना का 70 साल पुराना घमंड चकनाचूर कर दिया.
- पाकिस्तानी सेना के इस घमंड की कहानी दशकों पुरानी है. ब्रिटिश शासन के दौरान पंजाब के मुसलमानों को ब्रिटिश इंडियन आर्मी में भारी संख्या में भर्ती किया गया था.
- वे पंजाब के मुसलमानों को कड़क और अधिक वफादार मानते थे. इसी वजह से आर्मी में पंजाबियों की डॉमिनेंस थी.
- सेकेंड वर्ल्ड वार के वक्त लगभग 34,000 पंजाबी मुसलमान सेना में थे, जो कुल सैनिकों का 29% था.1947 में पाकिस्तान की स्वतंत्रता के समय, पंजाब प्रांत की जनसंख्या देश की कुल जनसंख्या का लगभग 25% थी, लेकिन सेना में इसकी भागीदारी 72% थी.
- जंग के वक्त ज्यादातर सैनिक मुसलमान भर लिए गए. इन्हीं से पंजाब रेजिमेंट बनी, जो पाकिस्तानी सेना की सबसे पुरानी और सबसे सजी हुई रेजिमेंट है. पाकिस्तान की आर्मी में इनका दबदबा है.
- 2001 में पाकिस्तानी सेना में पंजाबी सैनिकों की संख्या 71% थी. यही पाकिस्तान की सरकार भी चलाते हैं. इसलिए अब, जब उनके घर में हमला हुआ तो उनके अहम को सबसे ज्यादा चोट पहुंची है.